अपूर्व अनुभव – अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. बच्चे किसे अपनी संपत्ति मानते थे?

उत्तर:- बच्चे पेड़ को अपनी संपत्ति मानते थे।

प्रश्न 2. यासुकी-चान को क्या रोग था?

उत्तर:- यासुकी-चान को पोलियो का रोग था।

प्रश्न 3. तोत्तो-चान किस काम को आसान समझ रही थी?

उत्तर:- तोत्तो-चान यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाना आसान समझ रही थी।

प्रश्न 4. यासुकी-चान का घर इनमें से कहाँ था?

उत्तर:- यासुकी-चान का घर डेनेनवोफु में था।

प्रश्न 5. तोत्तो-चान ने अपनी योजना का सच सर्वप्रथम किसे बताया?

उत्तर:- तोत्तो-चान ने अपनी योजना का सच सर्वप्रथम रॉकी को बताया था।

प्रश्न 6. तोत्तो-चान यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का कौन-सा तरीका अपना रही थी?

उत्तर:- तोत्तो-चान यासुकी-चान को सीढ़ी के सहारे पेड़ पर चढ़ाने की कोशिश कर रही थी।

प्रश्न 7. तोत्तो-चान यासुकी-चान के विशाखा पर पहुँचने पर क्या हुआ?

उत्तर:- तोत्तो-चान ने यासुकी-चान का स्वागत किया।

प्रश्न 8. “यह उसकी हार्दिक इच्छा थी’ वाक्य में हार्दिक शब्द क्या है?

उत्तर:- विशेषण

प्रश्न 9. तोत्तो-चान ने अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता किसे दिया था?

उत्तर:- तोत्तो-चान ने अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता यासुकी-चान को दिया था।

प्रश्न 10. किसी पेड़ को यासुकी-चान निजी संपत्ति क्यों नहीं मानता था?

उत्तर:- पेड़ पर चढ़ना और उसके साथ लेखना उसके लिए संभव न था इसलिए वह किसी पेड़ को निजी संपत्ति नहीं मानता था।

प्रश्न 11. तोत्तो चान के गले में रेल पास क्यों लटक रहा था?

उत्तर:- तोत्तो-चान के गले में रेल पास इसलिए लटक रहा था ताकि उसकी योजना पर किसी को शक न हो।

प्रश्न 12. बच्चे दूसरे के पेड़ों पर क्यों नहीं चढ़ते थे?

उत्तर:- हर पेड़ किसी न किसी बच्चे की निजी संपत्ति होता था, इसलिए बिना अनुमति के बच्चे दूसरे के पेड़ों पर नहीं चढ़ते थे।

प्रश्न 13. यासुकी-चान पेड़ पर क्यों नहीं चढ़ पाता था?

उत्तर:- यासुकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था।

प्रश्न 14. तोत्तो-चान को यासुकी-चान कहाँ मिला?

उत्तर:- उसे यासुकी-चान मैदान में क्यारियों के पास मिला था।

प्रश्न 15. तोत्तो-चान किस उद्देश्य से घर से निकली थी?

उत्तर:- तोत्तो-चान अपने पोलियोग्रस्त मित्र यासुकी-चान से मिलने स्कूल जा रही थी। तोत्तो-चान ने उससे वादा किया था कि वह उसे अपने पेड़ पर चढ़ाएगी। इसी वायदे को पूरा करने के लिए वह घर से निकली थी।

प्रश्न 16. तोत्तो-चान सच बताए बिना क्यों नहीं रह सकी।

उत्तर:- झूठ बोलने के अपराध बोध के कारण तोत्तो-चान बेचैन थी। वह सच बोले बिना नहीं रह सकी। स्टेशन तक उसे छोड़ने आए राकी को अंत में उसने बता दिया कि वह आज यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने वाली है।

प्रश्न 17. तोत्तो-चान कौन थी? उसकी हार्दिक इच्छा क्या थी?

उत्तर:- तोत्तो-चान एक जापानी लड़की थी। इसकी हार्दिक इच्छा थी कि उसका अपंग मित्र यासुकी-चान उसके पेड़ पर जाकर उसकी चीज़ों एवं दुनिया को देखें।

प्रश्न 18. तोत्तो-चान विशाखा पर खड़ी क्या कर रही थी?

उत्तर:- तोत्तो-चान विशाखा पर खड़ी यासुकी-चान की तिपाई-सीढ़ी को ऊपर पेड़ की ओर खींचने का प्रयास कर रही थी।

प्रश्न 19. तोत्तो-चान क्या नहीं समझ पाई ?

उत्तर:- तोत्तो-चान यह नहीं समझ पाई कि यासुकी-चान के लिए घर बैठे किसी चीज़ को देख लेना क्या मायने रखता है, क्योंकि उसे यासुकी-चान की परेशानियों का सही अनुमान नहीं था।

प्रश्न 20. तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को ऊपर चढ़ाकर ही दम लिया। इसके लिए उसने क्या-क्या प्रयास किया?

उत्तर:- सीढी द्वारा यासुकी-चान को ऊपर चढ़ाने की अपनी प्रथम कोशिश नाकाम होने के बाद, तोत्तो-चान फिर चौकीदार के छप्पर की ओर दौड़कर गई। यहाँ से एक तिपाई-सीढ़ी घसीट लाई। उसने यासुकी-चान को एक-एक पैर सीढ़ी रखने में सहायता की। जब यासुकी-चान तिपाई सीढ़ी के ऊपर पहुँच गया तो तोत्तो-चान ने दुविशाखा पर चढ़कर बड़े परिश्रम से उसे ऊपर खींच लिया जिससे वह विशाखा तक पहुँच गया।

प्रश्न 21. पेड़ पर बैठे-बैठे यासुकी-चान और तोत्तो-चान क्या करते रहे?

उत्तर:- उस दिन यासुकी-चान डाल के सहारे खड़ा था। कुछ झिझकता हुआ वह मुसकराया। यासुकी-चान ने दुनिया की एक नई झलक देखी, जिसे उसने पहले कभी नहीं देखा था। तो ऐसे होता है पेड़ पर चढ़ना यासुकी-चान ने खुश होते हुए कहा। इसके अलावे वे बड़ी देर तक पेड़ पर बैठे-बैठे इधर-उधर की गप्पे लड़ाते रहे। यासुकी-चान ने तोत्तो-चान को टेलीविजन के बारे में बताया, जिसके बारे में उसे अपनी अमेरिका में रहने वाली बहन से पता चला था। उसने तोत्तो-चान को बताया था कि जब टेलीविजन जापान में आ जाएगा तो वे घर बैठे सूमो कुश्ती देख सकेंगे। यासुकी-चान यही सारी बातें पेड़ पर बैठा-बैठा तोत्तो-चान को बताए जा रहा था और तोत्तो-चान सोच रही थी कि इतने बड़े सूमो, पहलवान, एक छोटे से डिब्बे जैसे टेलीविजन में कैसे अंदर प्रवेश कर गए।

प्रश्न 22. विकलांगों के प्रति हमारी सोच कैसी होनी चाहिए? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- विकलांग हमारे समाज के आवश्यक अंग हैं। उन्हें सम्मानपूर्वक जीने का पूरा-पूरा अधिकार है। हमें उन पर सहानुभूति दिखाने के बजाय उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूर्ण कोशिश करना चाहिए। हमें उनके साथ कुछ समय बिताना चाहिए ताकि उन्हें अकेलापन का अहसास न हो। उनके प्रति हमारा विशेष उत्तरदायित्व है। उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएँ मिलनी चाहिए।

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