17. बाज और साँप

प्रश्न 1. घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, ”मुझे कोई शिकायत नहीं है।” विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर :- घायल होने के बाद भी बाज ने यह कहा कि – “मुझे कोई शिकायत नहीं है।” उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह किसी भी कीमत पर समझौतावादी जीवन शैली पसंद नहीं करता था। वह अपने अधिकारों के लिए लड़ने में विश्वास रखता था। उसने अपनी ज़िंदगी को भरपूर भोगा। वह असीम आकाश में जी भरकर उड़ान भर चुका था। जब तक उसके शरीर में ताकत रही तब तक ऐसा कोई सुख नहीं बचा जिसे उसने न भोगा हो। वह अपने जीवन से पूर्णतः संतुष्ट था।

प्रश्न 2. बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?

उत्तर :- बाज ज़िंदगी भर आकाश में उड़ता रहा, उसने आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नापा। बाज साहसी था। वह किसी भी कीमत पर समझौतावादी जीवन शैली पसंद नहीं करता था। अतः कायर की मौत नहीं मरना चाहता था। वह अंतिम क्षण तक जीवन की आवश्यकताओं के लिए संघर्ष करना चाहता था।

प्रश्न 3. साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?

उत्तर :- साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था क्योंकि वह मानता था कि वह उड़ने में सक्षम नहीं है। पर जब उसने बाज के मन में आकाश में उड़ने के लिए तड़प देखी तब साँप के मन में भी उत्सुकता जागी कि आकाश का मुक्त जीवन कैसा होता है ? इस रहस्य का पता लगाना ही चाहिए। तब उसने भी आकाश में एक बार उड़ने की कोशिश करने का निश्चय किया।

प्रश्न 4. बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?

उत्तर :- बाज की बहादुरी पर प्रसन्न होकर लहरों ने गीत गाया था। उसने अपने प्राण गँवा दिए परन्तु ज़िंदगी के खतरे का सामना करने से पीछे नहीं हटा।

प्रश्न 5. घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?

उत्तर :- साँप का शत्रु बाज है चूँकि वो उसका आहार होता है। घायल बाज उसे किसी प्रकार का आघात नहीं पहुँचा सकता था इसलिए घायल बाज को देखकर साँप के लिए खुश होना स्वाभाविक था।

प्रश्न 6. कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो।

उत्तर :- कहानी की स्वतंत्रता से संबंधित पंक्तियाँ –

जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उडानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ।
“आह! काश, मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड पाता।”
पर वह समय दूर नहीं है, जब तुम्हारे खून की एक-एक बूँद जिंदगी के अँधेरे में प्रकाश फैलाएगी और साहसी, बहादुर दिलों में स्वतंत्रता और प्रकाश के लिए प्रेम पैदा करेगी।

प्रश्न 7. मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है।

उत्तर :- मानव ने आदिकाल से ही पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा मन में रखी है। किन्तु शारीरिक असमर्थता की वजह से उड़ नहीं पा रहा था जिसका परिणाम यह हुआ कि मनुष्य हवाई जहाज का आविष्कार कर दिखाया। आज मनुष्य अपने उड़ने की इच्छा की पूर्ति हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, गैस-बैलून आदि से करता है।

प्रश्न 8. कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर :-
भाँप लेना – बच्चों का मुँह देखकर माता जी ने परीक्षा का क्या नतीजा आया होगा यह भाँप लिया।
हिम्मत बाँधना – मित्र के आने पर ही परीक्षा के लिए राहुल की हिम्मत बँधी।
अंतिम साँस गिनना – दादाजी की गिरती साँसें देखकर माता जी ने स्थिति भाँप ली वे कि वे उनकी अंतिम साँस गिन रहे हैं।
मन में आशा जागना – शिक्षिका की कहानी ने मेरे मन में आशा जगा दी।
प्राण हथेली में रखना – सिपाही ने देशवासियों की जान बचाने के लिए अपने प्राणों को हथेली में रख देते हैं।

प्रश्न 9. ‘आरामदेह’ शब्द में ‘देह’ प्रत्यय है। यहाँ ‘देह’ ‘देनेवाला’ के अर्थ में प्रयुक्त है। देनेवाला के अर्थ में ‘द’, ‘प्रद’, ‘दाता’, ‘दाई’ आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे – सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।

उत्तर :-
प्रत्यय – शब्द
द – सुखद, दुखद
दाता – परामर्शदाता, सुखदाता
दाई – सुखदाई, दुखदाई
देह – विश्रामदेह, लाभदेह, आरामदेह
प्रद – लाभप्रद, हानिप्रद, शिक्षाप्रद

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